लेखनी कविता -ऐ री सखी मोरे पिया घर आए -अमीर ख़ुसरो

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ऐ री सखी मोरे पिया घर आए -अमीर ख़ुसरो  ऐ री सखी मोरे पिया घर आए,  भाग लगे इस आँगन को।  बल-बल जाऊँ मैं अपने पिया के, चरन लगायो निर्धन को। ...

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